SBIने रिटेल लोन की रीस्ट्रक्चरिंग के लिए लॉन्च किया ऑनलाइन पोर्टल
मुंबई, भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश के अनुसार देश का सबसे बड़ा ऋणदाता- भारतीय स्टेट बैंक कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से अपने खुदरा उधारकर्ताओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से रीस्ट्रक्चरिंग पाॅलिसी लेकर आया है। रीस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी के सरल और परेशानी मुक्त कार्यान्वयन के लिए स्टेट बैंक ने आज एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने की घोषणा की। ग्राहक अपने घर/कार्यालय में या कहीं से भी अपनी सुविधा और आराम के अनुसार इस पोर्टल के माध्यम से अपने ऋण की रीस्ट्रक्चरिंग की पात्रता की जांच कर सकते हैं।
पोर्टल पर लॉग इन करने पर एसबीआई के खुदरा ग्राहकों से उनके खाता नंबर का विवरण मांगा जाएगा। ओटीपी सत्यापन पूरा होने और कुछ आवश्यक जानकारी इनपुट करने के बाद, ग्राहक को उनकी पात्रता का पता चल जाएगा और उन्हें एक संदर्भ संख्या प्राप्त होगी। उन्हें जो संदर्भ संख्या प्राप्त होगी, वह 30 दिनों के लिए मान्य होगी और इस दौरान ग्राहक आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कभी भी शाखा में जा सकता है। दस्तावेजों के सत्यापन और शाखा/सीपीसी में सरल दस्तावेजों के निष्पादन के बाद रीस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
इस अवसर पर एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर (रिटेल और डिजिटल बैंकिंग) श्री सी. एस. शेट्टी ने उम्मीद जताई कि इस पोर्टल के लॉन्च के साथ, ग्राहक अपनी शाखा में जाने से पहले सुविधाजनक तरीके से अपनी पात्रता की जांच कर सकेंगे।
आरबीआई द्वारा तैयार किए गए इस रिजॉल्यूशन फ्रेमवर्क के तहत, ऐसे उधारकर्ता रीस्ट्रक्चरिंग के लिए पात्र हैं, जिनके ऋण खाते को स्टैंडर्ड के तौर पर मान्य किया गया है और जो 1 मार्च, 2020 को 30 दिन या उससे अधिक डिफॉल्ट नहीं रहे और जिनकी आय कोविड-19 से प्रभावित हुई है। आरबीआई के दिशानिर्देशों द्वारा संचालित होने वाली इस योजना के तहत उधारकर्ताओं के ऋण पुनर्गठन आवेदन की मंजूरी के बारे में ग्राहकों को एसबीआई शाखा/सीपीसी द्वारा सूचित किया जाएगा।