टाटा मोटर्स ने 40 लाख यात्री वाहनों का उत्पादन करने की उपलब्धि हासिल की
मुंबई, टाटा मोटर्स ने आज भारत में 4 मिलियन (40 लाख) यात्री वाहनों के उत्पादन की प्रमुख उपलब्धि हासिल करने की घोषणा की। कंपनी ने उपभोक्ताओं के बेशुमार समर्थन के लिए आभार जताया, जिसके चलते यह उपलब्धि हासिल करना संभव हो पाया। इसके चलते टाटा मोटर्स ने इस सफलतम सफर में उपभोक्ताओं की ओर से मिले समर्थन का सम्मान करने के लिए “वी लव यू 4 मिलियन” कैंपेन भी लॉन्च किया।
टाटा मोटर्स ने अपनी स्थापना के बाद कई वर्षों में इंडिका, सिएरा, सूमो, सफारी और नैनो जैसी कई शानदार गाड़ियों का निर्माण किया है। आर्थिक उदारीकरण के बाद के दौर में देश को एक निश्चित आकार में ढालने में टाटा मोटर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन प्रतिष्ठित वाहनों ने भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र की सीमाओं को तोड़ दिया है।
टाटा सफारी के लॉन्च के साथ कंपनी ने इंडस्ट्री को पहली बार लाइफस्टाइल एसयूवी के कॉन्सेप्ट से रूबरू कराया, जिससे कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं के लिए महत्वाकांक्षी चार पहियों वाली गाड़ियों का निर्माण किया। श्री सुमंत मूलगांवकर की विरासत का सम्मान करने के लिए टाटामोटर्स ने पहली बार टाटा सूमो में एमवीपी को लॉन्च किया।
इंडिका के साथ कंपनी ने इस संदर्भ में उपभोक्ता की अवधारणा को ही बदल दिया कि एक यात्री वाहन कैसे हासिल किया जाता है। हाल ही में टाटा मोटर्स ने क्रमश: टियागो और नेक्सन की लॉन्चिंग के साथ एंट्री लेवल की कार और कॉम्पैक्ट एसयूवी के सेगमेंट को फिर से पारिभाषित किया।
आज कंपनी की न्यू फॉरएवर बीएस 6 की रेंज में टियागो, टिगोर, नेक्सन, हैरियर और ऑल्ट्रोज़ जैसी गाड़ियों के शामिल होने से, कंपनी के पास मार्केट में सबसे नवीनतम और सुरक्षित प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो है। टाटा मोटर्स भारत की पहली कार निर्माता कंपनी है, जिसे अपने नेक्सन के मॉडल के लिए 5 स्टार ग्लोबल एनसीएपी की रेटिंग मिली। टाटा मोटर्स 67 फीसदी मार्केट शेयर के साथ भारत में इलेक्ट्रिकल वाहनों की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है। कंपनी देश में इलेक्ट्रिकल वाहन (ईवी) को अपनाने की राह का नेतृत्व कर रही है।
कंपनी ने 2005-06 में 1 मिलियन (10 लाख) यात्री वाहनों के उत्पादन का आंकड़ा हासिल किया था। 2015 में कंपनी 30 लाख गाड़ियों के उत्पादन स्तर तक पहुंची थी । इस महीने कंपनी ने 40 लाख का गाड़ियों का निर्माण कर उल्लेखनीय मील का पत्थर हासिल कर लिया था।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस यूनिट के प्रेसिडेंट श्री शैलेश चंद्रा ने इस ऐतिहासिक मौके पर टिप्पणी करते हुए कहा, “भारत के घरेलू ऑटोमोबाइल ब्रैंड के तौर पर पैसेंजर व्हीकल्स के सेगमेंट में हम यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर बेहद प्रसन्न हैं। अपनी शुरुआत के बाद से ही टाटा मोटर्स ने नए-नए प्रॉडक्ट लॉन्च करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। सुरक्षा, डिजाइन और परफॉर्मेंस के लिहाज से शानदार प्रॉडक्ट्स बनाकर सम्मानपूर्वक सेवामुक्त हुए टाटा मोटर्स के चेयरमैन श्री रतन टाटा के सपने को कंपनी ने साकार किया है।
पिछले 30 वर्षों से टाटा मोटर्स ने शानदार गाड़ियों के निर्माण से न सिर्फ उपभोक्ताओं की बढ़ती जरूरतों को पूरा किया है, बल्कि अपने अलग-अलग सेगमेंट्स के लिए गुणवत्ता के नए मानक भी स्थापित किए हैं। हमारे न्यू फॉरएवर रेंज के पैसेंजर व्हीकल्स उपभोक्ताओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत बनाते हैं। हमने भविष्य की तैयारी की कोशिश में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के साथ स्थिरता की नई यात्रा तय की है और स्थायी परिवहन की दिशा में भारत के सफर का नेतृत्व कर रह हैं।”
पिछले तीन दशकों से, कंपनी ने न सिर्फ अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ और बेहतरीन वाहनों का उत्पादन किया है, बल्कि निर्माण और तकनीक के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय ढंग से विकास किया है। टाटा मोटर्स पहली भारतीय कंपनी है, जिसने एक ही छत के नीचे डिजाइनिंग, डेवलपमेंट, वैधता और निर्माण के चरणों में न सिर्फ स्वेदेशी तकनीक हासिल की, बल्कि बेहतर ढंग से व्यवस्थित बिक्री और गाड़ियों का संचालन किया। यह देश की पहली कार कंपनी है, जिसने भारत में क्रैश टेस्ट फैसिलिटी की शुरुआत की। आज टाटा मोटर्स के पास इनहाउस डिजाइन और सिम्लुयेशन स्टूडियोज है,
जो तेजी से प्रोटोटाइपिंग करते हैं। यहां डिजिटल प्रॉडक्ट के विकास पर जोर दिया जाता है। टाटा मोटर्स के प्लांट में पूर्ण रूप से उत्सर्जन का परीक्षण करने की सुविधा भी उपलब्ध है, जो कंपनी की इंजीनियरिंग क्षमताओं को और बढ़ाती है। इससे टाटा मोटर्स अपनी श्रेणी में बेस्ट प्रॉडक्ट्स को विकसित करने में सफल रहा है। टाटा मोटर्स के निर्माण संयंत्र पुणे के चिखाली और गुजरात के साणंद में है। इसके अलावा पुणे के रंजनगांव में कंपनी का एफआईएपीएल प्लांट भी है।