देश में सबसे ज्यादा 12,512 इलेक्ट्रिक वाहन कर्नाटक में
भारत में पेट्राेल और डीजल के कुल 25 कराेड़ 30 लाख से ज्यादा वाहन है
देशभर में चल रहे 50577 इलेक्ट्रिक वाहनाें से आम लाेगाें पर पेट्राेल-डीजल में लगने वाला पैसा ताे बच ही रहा है, सबसे ज्यादा फायदा पर्यावरण काे हाे रहा है. नेशनल आटाेमाेटिव बाेर्ड (NAB) के अनुसार इन इलेक्ट्रिक वाहनाें के इस्तेमाल से हर दिन करीब 99 हजार किलाे कार्बनडायऑक्साइड (Co2) के उत्सर्जन काे राेका जा रहा है
वही अब तक 3 कराेड़ 28 लाख किलाे से ज्यादा Co2 उत्सर्जन रूका जिसका मलतब यह है कि पर्यावरण काे इससे सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा. साेचिए देशभर में जब सिर्फ पचास हजार इलेक्ट्रिक वाहनाें से इतना फर्क आ सकता है जाे जैसे-जैसे इनकी संख्या बढ़ती जाएगी तब हम वातावरण काे कितना स्वच्छ कर देंगे.
इलेक्ट्रिक वाहनाें काे लेकर जागरूकता कह लिजिए या फिर पैसा और पर्यावरण दाेनाें काे बचाने में अपना याेगदान में पूरे भारत में जाे राज्य सबसे आगे है वाे है कर्नाटक. यहां सबसे ज्यादा 12,512 इलेक्ट्रिक वाहन है जिसमें 12 हजार टू व्हीलर, 387 कारें और 250 के करीब थ्री व्हीलर है.
इसके बाद नंबर है तमिलनाडू का जहां कुल 7266 इलेक्ट्रिक वाहन है, तीसरे नंबर पर है महाराष्ट्र जहां 5911, चाैथे पर उत्तर प्रदेश 4124 और पांचवे पर दिल्ली है जहां इस वक्त 3808 इलेक्ट्रिक वाहन है. मालूम हाे इस वक्त भारत में पेट्राेल और डीजल के कुल 25 कराेड़ 30 लाख से ज्यादा वाहन है. सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक भारत में करीब 30 प्रतिशत आबादी इलेक्ट्रिक वाहन करने की है.
भारत में अब धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनाें काे लेकर लाेग जागरूक हाे रहे है. वहीं, सरकार का इन वाहनाें काे खरीदने पर जीएसटी, रजिस्ट्रेशन व अन्य चार्जेस के साथ सब्सिडी देना भी रंग ला रहा है. इससे आम लाेगाें में इनके प्रति आकर्षण बढ़ा है. दिन-ब-दिन बढ़ते पेट्राेल डीजल के दाम के बीच लाेगाें काे यह समझ आ रहा है कि किस तरह इलेक्ट्रिक वाहनाें की ओर रूख करके ना सिर्फ अच्छा खासा पैसा बचा सकते हैं बल्कि पेट्राेल-डीजल वाहनाें से हाेने वाले प्रदूषण से भी अपने शहर काे सुरक्षित रखने में याेगदान दे सकते हैं. ताे चलिए आज जानते हैं कि अब तक देश में कुल कितने इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं और उनका क्या फायदा हुआ है.