मसालेदार या तीखा खाना पसंद है, ये सेहत के लिए फायदेमंद
अब तक हम यही सुनते आए हैं कि सेहत के लिए मसालेदार खाना या तीखा खाना नुकसानदेह होता है. यह भी सुना है कि कम मसाले वाला खाना खाकर ही हम बीमारियों से दूर रह सकते हैं. हम इन बातों को अक्सर मान भी लेते हैं लेकिन जैसे ही सामने तीखी मनपसंद चाट, चटपटे गोल गप्पे, मसालेदार राजमा छोलों का नाम आता है, हमारा सारा कंट्रोल खो जाता है.
अगर आप भी स्पाइसी खाना पसंद करते हैं तो आपको बता दें कि दरअसल स्पाइसी फूड सीमित मात्रा में खाया जाए तो वह सेहत के लिये उतना बुरा भी नहीं है. विज्ञान और आयुर्वेद भी इसकी वकालत करता है. भोजन में अगर सही मात्रा में इलाइची, दालचीनी, हल्दी, लहसुन, अदरक और मिर्च आदि मसाले मिलाए जाएं तो ये सेहत के लिए फायदेमंद ही साबित होते हैं. तो आइए जानते हैं कि स्पाइसी फूड खाने के क्या क्या फायदे हैं.
इन्फ्लेमेशन से लड़ते हैं मसाले- अदरक, हल्दी, लहसुन जैसे मसालों में एंटीइन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं. इनका इस्तेमाल आयुर्वेद में आर्थराइटिस, सिरदर्द, जी मिचलाना और ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज में भी किया जाता रहा है. ये मसाले इन्फ्लेमेशन से लड़ते हैं और शरीर को हेल्दी बनाते हैं.
डिप्रेशन को करता है दूर- तीखा और मसालेदार भोजन खाने पर शरीर में सेरोटोनिन यानी फील गुड हार्मोन निकलता है जिससे स्ट्रेस और डिप्रेशन कंट्रोल में रहते हैं. ये शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने के काम भी आते हैं.
वजन को रखता है कंट्रोल- हरी, लाल और काली मिर्च, हल्दी, दालचीनी आदि मसालों के सेवन से शरीर में मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है जो भूख को कम करने में मदद करता है. भूख कम लगने से हम खाना कम खाते हैं जिससे वजन घटने में मदद मिलती है. ये हल्दी फैट टीश्यू के ग्रोथ को भी दबा देती है. मसालों में वसा और कैलोरी की मात्रा भी बेहद कम होती है.
संक्रमण से बचाते हैं मसाले- जीरा, हल्दी, दालचीनी जैसे मसालों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज पायी जाती है. ये बैड बैक्टीरिया से लड़कर उन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं. इनके सेवन से शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन नहीं होता और बीमारियों से दूर रहने में मदद मिलती है.
कैंसर से बचाने में मददगार- तीखी मिर्ची में दरअसल कैप्सेसिन नाम का ऐक्टिव कॉम्पोनेंट पाया जाता है जो कैंसर सेल्स को धीमा करने और उन्हें खत्म करने में मदद करता है. इससे कैंसर को बढ़ने और फैलने से रोका जा सकता है. यूसीएलए की एक स्टडी के अनुसार, चूहों पर एक स्टडी के दौरान पाया गया कि कैप्सेसिन ने प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ को रोक दिया और इससे हेल्दी कोशिकाओं को किसी तरह का नुकसान भी नहीं हुआ.