महिन्द्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के साथ जोड़ने की सैद्धांतिक मंजूरी
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लिमिटेड (“एमएंडएम“) ने कम्पनी की सब्सिडरी महिन्द्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड को महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के साथ जोड़ने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
– इससे एलएमएम वर्टीकल को लास्ट माइल मोबिलिटी साॅल्युशेन्स के लिए वेल्यू चेन का पूर्ण स्वामित्व मिलेगा और कम्पनी का काम व वृद्धि तेज होगी।
महिन्द्रा भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और इसकी तकनीक का इस्तेमाल करने वालों में सबसे अग्रणी है। इलेक्ट्रिक वाहनों की इसकी यात्रा दो दशक पुरानी है और “बिजली“ के साथ शुरू हुई थी, यह अपने नाम के अनुरूप भारत का पहला व्यावसायिक और सड़क के लिए उपयुक्त इलेक्ट्रिक वाहन था।
तभी से इलेक्ट्रिक वाहन इसके व्यापार के प्रमुख अंग रहे हैं और इसने यात्री तथा व्यावसयिक वाहनों की विस्तृत रेंज दी है। भारतीय सड़कों पर अभी 32 महिन्द्रा इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं और 270 मिलियन किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति के बेड़े में शामिल प्यूगेट इलेक्ट्रिक टूव्हीलर से लेकर महिन्द्र ट्रेओ के जरिए महिला उद्यमियों के नए कस्टमर बेस को खोलने और महिन्द्रा ई-रेसेज तक महिन्द्रा ने अपने ग्राहकों और साझेदारों को अनूठी इलेक्ट्रिक वाहन क्षमता दिखाई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का व्यापार अब अपना रूप बदल रहा है और बहुत तेजी से आगे बढने जा रहा है। ऐसे समय में कम्पनी के ढंाचे में इस बदलाव से जरूरी संसाधन मिलने और लक्षित वृद्धि प्राप्त करने में सहायतता मिलेगी।
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश जेजुरीकर ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहन आॅटोमोटिव व्यापार का भविष्य हैं। भविष्य की तैयारी के लिए हम मानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों को मुख्यधारा का व्यापार का अंग बनना चाहिए। कंसोलिडेट करने के पीछे हमारी ईवी रणनीति है जो विभिन्न सेग्मेंट्स को इलेक्ट्रीफाई करना चाहती है ताकि ई-मोबिलिटी लोकप्रिय हो सके। हम ग्राहकों की जरूरत की गहरी समझ रखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में नए उत्पाद लाते रहेंगे।’’
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में काफी तेजी आई है और आने वाले समय में यह और बढ़ेगी। सिर्फ लागत की दृष्टि से ही नहीं बल्कि सस्टेनेबिलिटी की दृष्टि से भी इलेक्ट्रिक वाहन मोबिलिटी का भविष्य हैं। एमएंडएम ने पूरे ईवी इकोसिस्टम पर फोकस किया हुआ है, जिसमें लास्ट माइल कनेक्टिविटी, फ्लीट मोबिलिटी, पर्सनल मोबिलिटी और शोध व अनुसंधान शामिल है। इसमें तकनीक और नवाचार के ईंधन से तेजी सेे विकास होगा।