प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मिशन’ को किया लॉन्च
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ की शुरुआत की. यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये नेशनल मास्टरप्लान 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा.
पीएम मोदी ने कहा, ‘’आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम अगले 25 वर्षों के लिए भारत की बुनियाद रच रहे हैं. पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है. ये नेशनल मास्टरप्लान 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा.’’ उन्हंने कहा, ‘’आज दुर्गाष्टमी है. पूरे देश में आज शक्ति स्वरूपा का पूजन हो रहा है. शक्ति की उपासना के इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है.’’
यह आगामी कनेक्टिविटी परियोजनाओं, अन्य व्यावसायिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के वातावरण के बारे में लोगों और व्यावसायिक समुदाय की जानकारी प्रदान करेगी. निवेशकों को उपयुक्त स्थानों पर अपने व्यवसाय की योजना बनाने में भी मदद मिलेगी.
योजना के बारे में जानिए – इस योजना का मकसद बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना बनाना और समन्वित कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है. एक अधिकारी ने कहा कि 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को जीआईएस मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है. उन्होंने बताया, ‘‘गति शक्ति हमारे देश के लिए एक राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टर प्लान होगा, जो समग्र बुनियादी ढांचे की नींव रखेगा.
क्या है गति शक्ति- नेशनल मास्टर प्लान
प्रधानमंत्री गति शक्ति- नेशनल मास्टर प्लान (Gati Shakti Master Plan) औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त. नेशनल मास्टर प्लान से यह भी पता चलेगा कि कहां सड़क बनी है, कहां सड़क बनने की जरूरत है. इसके जरिए युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
इस डिजिटल मंच की मदद से विकास कार्यों को स्पीड देने की कोशिश होगी. इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा.
इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को Geographic information system (GIS) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है.
इसे देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के लिए एक ऐतिहासिक घटना बताते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को कहा कि गतिशक्ति परियोजना विभागीय रुकावटों को खत्म कर देगी और प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हितधारकों के लिए समग्र योजना को संस्थागत रूप देगी.
सभी विभागों को एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से एक-दूसरे की परियोजनाओं का पता चलेगा और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति परियोजना व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है. यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा.