हिंदुजा फाउंडेशन ने सरकारी स्कूल के छात्रों व उनके परिवारों के लिए इंटरेक्टिव लर्निंग एवं इंगेजमेंट प्रोग्राम -‘आईकेयर’ लॉन्च किया
वालंटियर्स ने 197 ऑनलाइन सत्र आयोजित किये और 112 ऑफलाइन लर्निंग वीडियोज सबमिट किये जिन्हें आईकेयर के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया
- इस पहल के तहत ऑनलाइन शिक्षा के जरिए 5500 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए और यह संख्या नियमित रूप से बढ़ रही है
मुंबई, हिंदुजा ग्रुप की परोपकारी शाखा, हिंदुजा फाउंडेशन ‘आईकेयर: वालंटियर फ्रॉम होम‘ पहल शुरू की। इस पहल के तहत, हिंदुजा ग्रुप की कंपनियों के कर्मचारियों ने कोविड-19 वॅरियर्स के रूप में काम किया। इस पहल का उद्देश्य देश भर के अभावग्रस्त एवं वंचित बच्चों तक पहुंचना और उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान करना था। इसके अंतर्गत, हिंदुजा ग्रुप की सभी कंपनियों – अशोक लेलैंड, गल्फ ऑयल, भारत फाइनेंशियल, नेक्स्टडिजिटल, हिंदुजा फाउंडेशन और हिंदुजा टेक व अन्य के कर्मचारियों को देश भर के सरकारी स्कूलों के छात्रों व उनके परिवारों के साथ जुड़ने और तकनीक-आधारित ऑनलाइन व ऑफलाइन इंटरेक्टिव मोड्स के जरिए विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिला। चूंकि यह प्रोग्राम अभी चल रहा है, इसलिए फाउंडेशन इस प्रोग्राम का दायरा उतरोत्तर बढ़ाने की संभावना तलाश रहा है, ताकि विभिन्न राज्यों के अपने (रोड टू स्कूल) आरटीएस टार्गेट ग्रुप के 80000 बच्चों को सहयोग प्रदान कर सके।
यह प्रोग्राम राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना सहित 8 से अधिक राज्यों में चलाया गया। विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों तक पहुंचने के लिए, ये सत्र 6 अलग-अलग भाषाओं में आयोजित किये गये। सबसे अधिक सत्र हिंदी में हुए और उसके बाद तमिल भाषा का स्थान रहा।
लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन एनजीओ, जो हिंदुजा ग्रुप की कई कंपनियों के साथ मिलकर काम करता है, ने भी सभी ऑन-फिल्ड वॉलंटियरिंग गतिविधियों को क्रियान्वित करके अपना सहयोग दिया।
पहल के बारे में, हिंदुजा फाउंडेशन के प्रेसिडेंट, श्री पॉल अब्राहम ने कहा, ”कोविड-19 का प्रभाव देश के शिक्षा क्षेत्र पर गहराई से पड़ा है जहां सभी हितभागी प्रभावित हुए हैं और बच्चों की शिक्षा पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। स्कूल बंदी के बीच, कोविड-19 ने उनकी बाहरी गतिविधियों जैसे अपने दोस्तों, परिजनों से मिलना-जुलना या मैदान में जाकर खेलना पर भी विराम लगा दिया है, जिससे उनके सर्वांगीण विकास पर असर पड़ा है। ‘आईकेयर-वालंटियर फ्रॉम होम‘ प्रोग्राम एक अनूठी पहल है जो न केवल वालंटियर्स, छात्रों (चौथी से आठवीं कक्षा तक के) व उनके परिवारों को रचनात्मक तरीके से जोड़ती है, बल्कि बच्चों को विषयगत सामग्री सीखने, आत्मविश्वास व आत्मसम्मान जैसे महत्वपूर्ण कौशल हासिल करने में भी उनकी सहायता करता है और इस चुनौतीपूर्ण समय में शारीरिक, मानसिक व सामाजिक-भावनात्मक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समर्थन करता है।”
आईकेयर प्रोग्राम के तहत, वालंटियर्स ने तकनीक के जरिए परस्पर संपर्क किया, जहां वालंटियर्स ने घर पर रहते हुए सामान्य रूप से उपलब्ध संचार माध्यमों का उपयोग करके लाइव ऑडियो/वीडियो कॉल्स या प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो/वीडियो के जरिए 30 मिनट के सेशंस आयोजित किये और इस प्रकार, सभी लाभार्थियों के लिए सुगमता सुनिश्चित की।
इस पहल के हिस्से के रूप में, बच्चे विभिन्न गतिविधियों में लगे हुए थे जो उन्हें विषय-आधारित सामग्री को बेहतर ढंग से सीखने और इन चुनौतीपूर्ण समय में महत्वपूर्ण कौशल का निर्माण करने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। इनमें कोविड-19 के विषय पर केंद्रित गणित की गतिविधियों और दूसरों के साथ ed मज़ा शामिल था, जिनका उद्देश्य महामारी के दौरान उठाए जाने वाले निवारक उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करना था। इसके अलावा, कहानी सुनाने वाले सत्र, कविता सत्र, सलाह सत्र, कल्याण सत्र और शिल्प गतिविधियों ने छात्रों को दिलचस्पी बनाए रखी और उनके शारीरिक और भावनात्मक कल्याण का पोषण करते हुए उनके आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया।
अपनी आईकेयर यात्रा पोस्ट करके, स्वयंसेवकों ने बच्चों के साथ संलग्न होने के अपने सकारात्मक अनुभव को साझा किया और भविष्य में गतिविधियों को जारी रखने में रुचि व्यक्त की। सभी लक्षित लाभार्थियों, माता-पिता और विशेष रूप से बच्चों ने सभी सत्रों से अपनी संतुष्टि व्यक्त की।