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लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा पार्सल विशेष ट्रेनों से 30 हज़ार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा एवं प्रतिबद्धता के साथ पश्चिम रेलवे द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर हरसम्भव प्रयास किये जा रहे हैं कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के इस कठिन समय के दौरान, अत्यावश्यक वस्तुऍं राष्ट्र भर में उपलब्ध कराई जाती रहें। यह गर्व की बात है कि पश्चिम रेलवे केवल सामान्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में ही अग्रणी नहीं है, बल्कि पीपीई, मास्क और सैनिटाइज़र जैसी सबसे ज़रूरी चिकित्सा सामग्री का परिवहन भी पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार जारी रखा है। लॉकडाउन अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा विशेष टाइम टेबल्ड पार्सल ट्रेनें निरंतर चलाई जा रही हैं, जिनके माध्यम से 10 मई, 2020 तक लगभग 30 हजार टन विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुओं का परिवहन किया गया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 23 मार्च से 10 मई 2020 तक लगभग 30 हज़ार टन वजन वाली वस्तुओं को अपनी विभिन्न पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा ले जाया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।

इस परिवहन से होने वाली कमाई 8.89 करोड़ रुपये से अधिक रही है। इस परिवहन में, वेस्टर्न रेलवे द्वारा पच्चीस मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 18000 टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से 3.13 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई। इसी तरह, 162 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनसे अर्जित राजस्व लगभग 4.98 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए।

श्री भाकर ने बताया कि पश्चिम रेलवे पर 22 मार्च से 10 मई, 2020 तक कुल 3482 रेक माल गाड़ियों का इस्तेमाल 6.64 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 7142 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 3587 ट्रेनें सौंपी गईं और 3555 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। 193 मिलेनियम पार्सल रेक ऑफ पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) को दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया।

श्री भाकर ने बताया कि 11 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से सात पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें राजकोट – कोयम्बटूर, ओखा – गुवाहाटी, दादर – भुज, बांद्रा टर्मिनस – ओखा, ओखा – बांद्रा टर्मिनस, करम्बेली – नई गुवाहाटी और मुंबई सेंट्रल – फिरोजपुर विशेष ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण मार्च, 2020 के बाद से उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित पश्चिम रेलवे पर यात्री ट्रेनों से होने वाली कमाई का कुल नुकसान 806.53 करोड़ रुपये रहा है।

इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 238.76 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 115.36 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 37.30 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी धनवापसी राशि प्राप्त की है।


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