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तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में हालिया वृद्धि को कम करने के लिए उठाए गए कदम

खुदरा हस्तक्षेप के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को धुली उड़द के-18 (खरीफ 2018 का स्टॉक) वाली 79 रुपये और के-19 वाली 81 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जा रही है; खुदरा हस्तक्षेप के लिए तुअर की दाल 85 रुपये प्रति किलो दी जा रही है

उपभोक्ताओं के हित में तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में हालिया वृद्धि को कम करने और इन दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई कई कदम उठाए गए हैं।

दालों की खुदरा कीमतों को कम करने के लिए डीओसीए ने पहले ही राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को एमएसपी+10 प्रतिशत की कीमत पर सरकार द्वारा रखे गए बफर स्टॉक में से थोक या खुदरा पैक की आपूर्ति के लिए एक तंत्र बनाया है। खुदरा हस्तक्षेप को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए दालों के ऑफर प्राइस को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और डायनामिक रिजर्व प्राइस (डीआरपी) में से जो भी कम हो, से संशोधित किया गया है।

इसके तहत, खुदरा हस्तक्षेप के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को धुली उड़द के-18 (खरीफ-2018 का स्टॉक) 79 रुपये प्रति किलो और के-19 वाली 81 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह, खुदरा हस्तक्षेप के लिए तुअर की दाल को 85 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है।

भारत सरकार ने जरूरत के हिसाब से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह पेशकश की है। इसके तहत वे थोक में और/या 500 ग्राम और एक किलोग्राम के खुदरा पैक में स्टॉक उठा सकते हैं। राज्य सरकार के पीडीएस और अन्य विपणन एवं खुदरा दुकानों पर उचित मूल्य पर दालें बेचने के लिए खुदरा पैक प्रदान किए जा रहे हैं, जैसे डेयरी, बागवानी आउटलेट, उपभोक्ता सहकारी समिति आदि।

दालों और प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए विशेष रूप से उपभोग केंद्रों में, 2015-16 के दौरान पीएसएफ के तहत बफर स्टॉक बनाया गया था जिससे कीमतों को स्थिर करने के लिए हस्तक्षेप किया जा सके। पीएसएफ के तहत, प्रभावी रूप से बाजार में दखल के लिए मौजूदा साल में 20 लाख मीट्रिक टन तक के दालों के बफर स्टॉक को मंजूरी दी गई थी।

कई सार्वजनिक कल्याण और पोषण कार्यक्रमों जैसे पीडीएस, मिड-डे मील योजना और आईसीडीएस योजना के लिए बफर से दालों का उपयोग किया गया है। पीएसएफ बफर स्टॉक ने गुणवत्ता के साथ-साथ सस्ती दालों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की है। खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से दालों की आपूर्ति नियमित रूप से बढ़ाई जाती है।


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