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ट्रस्टों, एनजीओ पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं के विकास और संचालन की जिम्मेदारी ले सकेंगे

श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने ‘एक विरासत अपनाएं: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ परियोजना की समीक्षा बैठक की

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री प्रह्लाद सिंह पटेलने आज नई दिल्ली में ‘एक विरासत अपनाएं: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’परियोजना की समीक्षा बैठक की। पर्यटनमंत्रालय के सचिव श्री योगेंद्र त्रिपाठी, पर्यटन मंत्रालय की महानिदेशक श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, संयुक्त सचिव श्रीमती संजुक्ता मुदगल, पर्यटन मंत्रालय केअतिरिक्त महानिदेशक श्रीमती रूपिंदर बरार के साथभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के प्रतिनिधि भी इस बैठक में उपस्थित थे।

समीक्षा बैठक में विभिन्न स्मारकों की वर्तमान स्थिति और प्रगति के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई।श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने परियोजनाओं को तयसमय के अनुरूप पूरा करने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को समय-समय पर नोडल विभागों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के तहत प्रस्तावित सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए भी कहा।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि‘एक विरासत अपनाएं’ एक अच्छी परिकल्पितपहल है और उम्मीद है कि इसे कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) से लाभ मिलेगा। यह परियोजना कम ख्याति वाले स्मारकों में बुनियादी सुविधाओं जैसे;साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल, प्रकाश और ध्वनियोंको उपलब्ध कराने में मदद करेगी।

भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय ‘एक विरासत अपनाएं: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ परियोजना का संचालन कर रहा है। यह परियोजना पूरे देश में विरासत/प्राकृतिक/पर्यटन स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं को योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके सेविकसितकरने और इन्हें पर्यटकों के अनुकूल बनाने के लिएपर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षणऔर राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा किया जा रहा एक सहयोगात्मक प्रयास है।

इस परियोजना का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ ट्रस्टों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), व्यक्तिगत और अन्य पक्षधारकों को ‘स्मारक मित्र’ बनने के लिए प्रेरित करना है। इसके अलावा ये सीएसआर के तहत एक सतत निवेश मॉडल के संदर्भ में अपनी रूचि और व्यवहार्यता के अनुरूप इन स्थलों पर बुनियादी और उन्नत पर्यटन सुविधाओं के विकास और उन्नयन की जिम्मेदारी धारण करें। साथ ही वे इनका संचालन और प्रबंधन का भी काम देखें।

इस परियोजना के तहत देशभर में 25 स्थलों और दो तकनीक हस्तक्षेपों के लिए 12 स्मारक मित्रों के साथ 27 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

इन स्थलों पर सुविधाओं के कार्यान्वयन के लिए सौंपे गए एमओयू में कई बुनियादी सुविधाएं भी शामिल हैं। इनमें कूड़ादान, सार्वजनिक सुविधाएं, स्वच्छ पेयजल की सुविधा, रोशनी, उपयोग में आसानी, सौंदर्यीकरण एवं स्थलों की साफ-सफाई, बैठने के लिए बेंचों कीव्यवस्था करना,कचरा प्रबंधन, एप आधारित बहुभाषायी ओडियो गाइड, डिजि एवं टिकटिंग कियोस्क की स्थापना, साइनेज- विवरणात्मक एवं निर्देशात्मक और वाई-फाई शामिल हैं।

वहीं कार्यान्वयन के तहत उन्नत सुविधाओं में आगंतुक सुविधा केंद्र, साउंड एंड लाइट शो- 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग (आंतरिक एवं बाहरी), स्नैक काउंटर एवं स्मारिका की दुकान और संवर्धित वास्तविकता अनुभव एवं आभासी वास्तविकता (360 डिग्री अनुभव) शामिल हैं।


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