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2030 तक प्राकृतिक गैस की खपत में तीन गुना वृद्धि होगी: पेट्रोलियम मंत्री 

12वें सीजीडी बोली दौर के लिए अनुमानित निवेश रु. 41,000 करोड़ से रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा हो रहे हैं: पेट्रोलियम मंत्री श्री हरदीप एस पुरी

शहरी  गैस वितरण (सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन-सीजीडी) नेटवर्क के विकास के लिए देश के क्षेत्र में 100% कवरेज प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने आज यहां  सीजीडी बोली के 12वें दौर के लिए आयोजित एक समारोह की मेजबानी की।  three-fold increase in Natural Gas consumption by 2030: Petroleum Minister Hardeep S Puri

इस कार्यक्रम का उद्घाटन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री तरूण कपूर, पीएनजीआरबी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार जैन, बोर्ड के सदस्यों और पीएनजीआरबी के सचिव की उपस्थिति में किया। इसमें देश के तेल और गैस क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों और 12वें सीजीडी बोली दौर के सफल बोलीदाताओं की बड़ी उपस्थिति थी।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी सफल बोलीदाताओं को आशय पत्र वितरित करते हुए

 

इस के दौरान, श्री हरदीप सिंह पुरी ने सीजीडी बोली के 12वें दौर के सफल बोलीदाताओं को उनके संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों के लिए आशय पत्र वितरित किया। मंत्री महोदय ने एक सुदृढ़ तेल और गैस बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी),

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) और सफल बोलीदाताओं के प्रयासों को स्वीकार किया। मंत्री महोदय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने अंतिम उपभोक्ता को स्थिर मूल्य पर प्राकृतिक गैस उपलब्ध कराने के लिए अगले छह वर्षों में प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 67 बिलियन अमेरिकी  डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षों में देश में प्राकृतिक गैस को बढ़ावा देने के लिए नीति और नियामक ढांचे के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है।

श्री पुरी ने बताया कि सरकार द्वारा नियोजित वर्तमान मौजूदा उपायों से प्राकृतिक गैस की खपत में 2030 तक तीन गुना यानी 185 मिलियन मीट्रिक मानक घन मीटर प्रति दिन(एमएमएससीएमडी) से 500 एमएमएससीएमडी तक वृद्धि होगी और इससे प्राकृतिक गैस पर निर्भर सहायक उद्योगों को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। मंत्री जी ने एकीकृत टैरिफ सुधार लाने के लिए पीएनजीआरबी की सराहना की, जिससे विशेष रूप से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के ग्राहकों को लाभ होगा।

12वें सीजीडी बोली दौर के बारे में विस्तार से विवरण देते  हुए  मंत्री महोदय ने कहा कि 12वें बोली दौर में पूर्वोत्तर के 06 राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम और मिजोरम और 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर लद्दाख को कवर करते हुए कुल 8 भौगोलिक क्षेत्रों का प्रस्ताव किया गया था। इस दौर में कुल मिलाकर 103 जिले शामिल हुए। उन्होंने कहा कि  “इस दौर के बाद, पूरे देश में (द्वीपों को छोड़कर) सिटी गैस वितरण नेटवर्क के विकास के लिए प्राधिकरण प्रदान किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि 12वें सीजीडी बोली दौर के लिए अनुमानित निवेश रु. 41,000 करोड़ से रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं।

देश के प्राकृतिक गैस बुनियादी ढांचे की  एक तात्कालिक त्वरित झलक देते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि देश में 33,753 किलोमीटर से अधिक प्राकृतिक गैस ट्रंक पाइपलाइन अधिकृत हैं, जिनमें से लगभग 24,623 किलोमीटर पाइपलाइन वर्तमान में चालू हैं। उन्होंने कहा कि देश में 300 भौगोलिक क्षेत्र  (जीएएस अधिकृत हैं, जो सीजीडी नेटवर्क के विकास के लिए 98% जनसंख्या  और 88% क्षेत्र को कवर करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि “देश में अब तक 1.21 करोड़ घरेलू पीएनजी कनेक्शन और 6,258 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए गए हैं और यह सब भारत के मजबूत गैस ग्रिड के कारण संभव हो सका है।

जन समुदाय को संबोधित करते हुए, पीएनजीआरबी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार जैन ने पूरे देश में एक जीवंत और टिकाऊ गैस बुनियादी ढांचे के निर्माण पर वर्तमान फोकस को स्पष्ट किया जिसमे इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए इस बोली दौर की शुरुआत इन क्षेत्रों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर स्वच्छ ईंधन प्रदान करने के लिए एक रणनीतिक कदम को दर्शाती है। डॉ. जैन ने आगे बताया कि इन राज्यों में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस- सीएनजी) की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस संबंध में, पूर्वोत्तर गैस ग्रिड और गुरदासपुर-जम्मू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का विकास, जिन्हें अब अधिकृत किया गया है, प्राकृतिक गैस नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

श्री तरूण कपूर ने बोली दौर में शहरी गैस वितरण (सीजीडी) पहल के माध्यम से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) द्वारा की गई प्रभावशाली प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 12वें सीजीडी बोली दौर के अंतर्गत प्रस्तुत किए गए भौगोलिक क्षेत्र (जीएएस) कठिन क्षेत्र हैं जिनके लिए उच्च पूंजी निवेश की आवश्यकता होगी।

इसके अतिरिक्त, श्री तरूण कपूर ने यह भी कहा कि पीएनजी कनेक्शन और सीएनजी की कनेक्शन संख्या को और भी आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और इसे प्राप्त करने के लिए उन्होंने वर्तमान उद्योगों को स्थिर और प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रदान करके प्राकृतिक गैस में स्थानांतरित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्री तरूण कपूर ने यह भी साझा किया कि हाइड्रोजन मिश्रण या संपीड़ित बायो-गैस मिश्रण के साथ प्राकृतिक गैस के संयोजन का भी पता लगाया जाना चाहिए।

2014 तक, देश में सिटी गैस वितरण नेटवर्क के विकास के लिए केवल 57 भौगोलिक क्षेत्र अधिकृत थे। उसके बाद से  सीजीडी क्षेत्र में भारी वृद्धि हुई है और 12वें सीजीडी बोली दौर के सफल समापन के साथ, जिसमें 7 और भौगोलिक क्षेत्रों  (जीएएस)  को अधिकृत किया जा रहा है, पिछले 10 वर्षों में सीजीडी नेटवर्क के  विकास हेतु 250 जीए के अलावा, पूरे देश को सीजीडी नेटवर्क के विकास के लिए अधिकृत किया गया है।

पीएनजीआरबी की यह ऐतिहासिक उपलब्धि घरों के लिए स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच प्रदान करने के साथ ही औद्योगिक और वाणिज्यिक सुविधाओं और ईंधन परिवहन का समर्थन करेगी और यह गैस आधारित अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ी छलांग होगीI इससे देश के प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण में भी बहुत सहायता मिलेगी ।


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