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USA : वाशिंगटन में 15 दिन की पब्लिक इमरजेंसी

वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम दिनों में अमेरिका ने एक बार फिर हिंसा का रूप देखा है. इस बार वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जबरदस्त हंगामा किया. Washington DC mayor extends public emergency to 15 days following violence at the Capitol

जब भारत में देर रात का वक्त था उस वक्त हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ कैपिटल हिल में घुस गए, यहां तोड़फोड़ की, सीनेटरों को बाहर किया और कब्जा कर लिया. हालांकि, लंबे संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला और कैपिटल हिल को सुरक्षित किया. वाशिंगटन की हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

दरअसल, कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी जिसके तहत जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर मुहर की तैयारी थी. इसी दौरान हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में मार्च निकाला और कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया. यहां डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने, दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग की जा रही थी.

कैपिटल हिल में चल रही कार्यवाही से इतर जब ट्रंप समर्थकों ने अपना मार्च निकालना शुरू किया तो हंगामा होते देख सुरक्षा को बढ़ाया गया. लेकिन ये बवाल थमा नहीं और देखते ही देखते सभी समर्थक कैपिटल हिल की ओर चले गए. सुरक्षाबलों ने इस दौरान उन्हें रोकने के लिए लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया.

वाशिंगटन पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को हुई इस हिंसा में कुल चार लोगों की मौत हो गई है. इनमें से एक महिला की मौत पुलिस की गोली से हुई है. जब पूरे इलाके को खाली करवाया गया तो ट्रंप समर्थकों के पास बंदूकों के अलावा अन्य खतरनाक चीजें भी मौजूद थीं. अमेरिका के वाशिंगटन में हिंसा के बाद पब्लिक इमरजेंसी लगा दी गई है. वाशिंगटन के मेयर के मुताबिक, इमरजेंसी को 15 दिन के लिए बढ़ाया गया है.

ट्रंप के समर्थकों ने पहली बार इस तरह का बवाल नहीं किया है, इससे पहले भी ऐसे नजारे देखे जा चुके हैं. लेकिन कैपिटल हिल में घुसकर इस बार हद को पार किया गया.

यही कारण रहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस विवाद की निंदा की, साथ ही इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया. जो बाइडेन ने कहा कि ट्रंप को तुरंत देश से माफी मांगनी चाहिए, अपने समर्थकों को समझाना चाहिए.

हालांकि, जब वॉशिंगटन में पूरा बवाल चल रहा था तब डोनाल्ड ट्रंप शांत रहे. लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने समर्थकों से घर वापस जाने की अपील की. लेकिन इस वीडियो में भी वो चुनाव को लेकर फर्जी दावे करते नज़र आए, जिसके बाद इस वीडियो को भी हटा दिया गया.

जब सुरक्षाबलों ने कैपिटल हिल को ट्रंप समर्थकों के कब्जे से खाली करवा दिया, उसके बाद एक बार फिर आगे की कार्यवाही शुरू हुई. यहां सदन को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने इस पूरे विवाद की निंदा की और कहा कि हिंसा से कभी किसी की जीत नहीं होती है.

अमेरिका में इस तरह के बवाल की खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैली. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो समेत अन्य कई राष्ट्रप्रमुखों ने इस हिंसा की निंदा की और अमेरिकी इतिहास के लिए काला दिन करार दिया. दुनियाभर की मीडिया में अमेरिकी हिंसा की घटना सुर्खियां बटोरे हुए है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका के वाशिंगटन में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोकतंत्र में सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है. बता दें कि वाशिंगटन में हजारों की संख्या में डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल पर कब्जा करने की कोशिश की, सीनेट में बवाल काटा.


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