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सात कंपनियों को ड्रोन के जरिए ई-कॉमर्स पार्सल करने की अनुमति

कोरोना वैक्सीन और ड्राई रन की लगातार चल रहे प्रयासों के बीच वैक्सीन वितरण आसान हो सकता है. DGCA के एक फैसले के बाद माना जा रहा है कि कि देश के सुदूर इलाकों में कोरोना वैक्सीन ड्रोन से पहुंचाया जा सकता है.

बता दें कि डीजीसीए ने इसके लिए ड्रोनटेक कंपनी को ई-कॉमर्स पार्सल की अनुमति दी है. यह कंपनी मेडिकल सामानों का पार्सल कर सकती है. कंपनी इससे पहले तेलंगाना में भी इस तरहा का प्लान तैयार किया है.

ड्रोन से कोरोना की डिलीवरी का अनुमान डीजीसीए के एक फैसले के बाद लगाया जाने लगा है. डीजीसीए ने प्रयोग के लिए सात कंपनियों को ड्रोन के जरिए ई-कॉमर्स पार्सल करने की अनुमति दी है.

इन्हीं कंपनियों में मारूत ड्रोनटेक को भी ये मौका मिला है, जिसके बाद माना जा रहा है कि कोरोना का वैक्सीन भी पिछड़े इलाकों में ड्रोन के जरिए ही भेजा जाए.

इन कामों के लिए मांगी इजाजत- इधर, कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन के ट्रायल की इजाजत मांगी है. कंपनी ने नेजल वैक्सीन के ट्रायल को लेकर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इजाजत मांगी है.

अगर ट्रायल में नेजल वैक्सीन को सफलता मिलने पर कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बड़ी सफलता हासिल होगी.

सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार देशभर में डीजीसीए ने Swiggy और skylark को BYLOss की इजाजत दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही ड्रोन (Drone) के जरिए कोरोना वैक्सीन डिलीवरी भी किया जा सकता है. हालांकि इस प्रोसेस को पूरा होने में अभी समय लग सकता है.


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