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24 करोड़ अमेरिकी मतदाता अमेरिका का नया राष्ट्रपति आज चुनेंगे

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वाशिंगटन : अमेरिका में आज राष्ट्रपति पद के लिए आम जनता मतदान करेगी. इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़ी टक्कर है. वहीं उप-राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और उप राष्ट्रपति माइक पेंस के बीच मुकाबला है. Democratic nominee Joe Biden leads President Donald Trump in a series of polls, as the candidates criss-crossed swing states in their final sprint for the race for White House before polling ends on Tuesday. भारतीय समय के अनुसार आज शाम 4.30 बजे से अमेरिका में वोटिंग शुरू होगी. अमेरिका में इस बार मतदान सुबह 6 बजे से रात नौ बजे तक होगा. अमेरिका के सभी 50 राज्यों में एक साथ वोट डाले जाएंगे.

24 करोड़ लोग डालेंगे वोट – चुनाव दिवस की पूर्व संध्या पर कम से कम 9.2 करोड़ लोगों ने पहले ही मतदान कर दिया है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वहां की कुल आबादी में 25.7 करोड़ से अधिक लोग 18 साल या फिर उससे अधिक उम्र के हैं. इस बार लगभग 24 करोड़ लोग वोटिंग के योग्य हैं.

कब आएंगे नतीजे – पुख्ता तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इस बार वोटिंग के दिन यानि 3 नवंबर के रात में ही चुनाव परिणामों की घोषणा हो जाएगी. हालांकि नतीजों का अनुमान वोटिंग खत्म होते ही मिल जाएगा. इस बार मेल इन बैलेट और पोस्टल बैलेट का आंकड़ा बढ़ा है. पेन्सिलवेनिया और मिशिगन के अफसर कह चुके हैं कि काउंटिंग में उन्हें तीन दिन लग सकते हैं.

हालांकि अगर 48 राज्यों से साफ नतीजे आ गए तो पेन्सिलवेनिया और नॉर्थ कैरोलिना के मेल इन बैलट्स की गणना बहुत मायने नहीं रखेगा. अगर मुकाबला करीबी हुआ तो नतीजों के लिए तीन दिन इंतजार करना पड़ सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के 225 साल से अधिक पुराने इतिहास में पहली बार मुकाबला दो सबसे बूढ़े उम्मीदवारों के बीच है. व्हाइट हाउस के लिए दूसरी पारी हासिल करने में जुटे डोनाल्ड ट्रंप 74 साल के हैं. वहीं राष्ट्रपति पद की रेस में उनके सामने खड़े जो बाइडन 77 साल के हैं. यानी जॉज वाशिंगटन से लेकर अब तक हुए राष्ट्रपतियों की कतार में 2020 की चुनावी दौड़ का विजेता अमेरिका का सबसे बूढ़ा सुप्रीम कमांडर होगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका बेहद अहम है. भारतीय मूल के वोटरों के अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद को भारत का सच्चा दोस्त बताने में जुटे हैं. वहीं पारंपरिक रूप से भारतीय अमेरिकी समुदाय में पैठ रखने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी अपने इस वोटबैंक को बचाने के लिए भरपूर कोशिश कर रही है. यहां तक कि डेमोक्रेट खेमे ने कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है जो भारतीय मूल की हैं.

 


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